पुलवामा के वीर शहीदों को नमन
पुलवामा के वीर शहीदों को नमन
हाँ वो प्रेम का ही दिन था
और वो भारत माँ के दीवाने
नहीं थी चाहत उनको किसी गुलाब की
उनको तो चाहत थी
अपने मातृभूमि के रंग में रंगने की....
पर रह गई अधूरी ख्वाहिशें देश के रंग में रंगने की
जब दहश्तगर्दों ने ले ली वीर शहीदों की जान
क्या ख़ता थी उनकी
जो मिला ऐसी शहादत
वो तो जीना चाहते थे
अपनी मातृ भूमि की हिफाज़त में
पर दे दिया उन्हें मौत गोले बारूद में....
नम आँखों से किया था विदा
माँ के लाडले नौनिहालों को
वो तो रो भी ना सके
अपने बेटे के प्रेम छाया में
उससे पहले ही दहश्तगर्दों ने चुन लिया
पर है गर्व हमें हमारे माँ के लालो पर
जिसने देकर अपनी जान
मातृभूमि के प्रेम का फ़र्ज़ है निभाया....।।