फागुन की फगुनाहट :
फागुन की फगुनाहट :
मन की उदासी में
हर रंग है फीका
कहीं होली के रंगों का सुरूर
तो कही मन बेरंग
मन तरसे भींग जाएं
मोरी सफेद चुनरियां
मन के रंग में रंग
जाए कोई रंगीला
फागुन की फगुनाहट में
सब रंग है फीका
पिया बिना लगे नही
जिया मोरा
आजा बालम रंग दे मोहे
तेरे रंग में
क्यों गया तू परदेश पिया
फागुन की फगुनाहट में
सब रंग है फीका
रूठे रूठे से हैं सब रंग
आ मना ले सजन
रंग कर इसमें मेरे मन को
सुखी होली रास न आए
सजन मोरे
फागुन की फगुनाहट में
सब रंग है फीका ।
किया था वादा आएगा
लेकर रंगों की बरसात
न तू आया न तेरा कोई
रंगीन संदेश
देख बालम तू जाना न
कोई और गली
तेरी प्रिय तेरे प्रेम के रंग में
रंग रखा है
फागुन की फगुनहट में
सब रंग है फीका
देख कर फागुन की होरी में पिया को
प्रिय का मन मचल गया
पिया ने रंग दिया गोरी को
टेसू के रंगों में
खिल रही थी बावरी
पाकर पिया के प्रेम भरी रंगों से
तन मन सब भीगो गया
जब रंगा पिया के प्रेम में
महक उठा हैं जीवन के रंग
रंग कर होली के रंगों में
फागुन की फगुनाहट में
सब रंग है फीका...