पहला प्यार
पहला प्यार
ग़ज़ल
प्यार का तुझसे इशारा है सदा
यूं रहे रिश्ता तेरा मेरा है सदा
उम्रभर चाहे पराया हो जाये
ख़त रहेगा पास तेरा है सदा
प्यार में करना दग़ा मुझसे नहीं
जो किया वादा निभाना है सदा
तोड़ रिश्ता ग़ैर करना तू नहीं
तू निभाना रोज रिश्ता है सदा
दोस्ती में तू बदल जाये चाहे
तू रहेगा दिल का प्यारा है सदा
तल्ख़ आज़म से ज़ुबां करना नहीं
बोलना हमदम तू मीठा है सदा।
