पहला प्यार
पहला प्यार
ओस की बूंद सा,
कुछ मेरी रूह पर छाया वो,
सुबह की पहली किरण सा,
कुछ उम्मीदें ले आया वो...
हारकर छोड़े थे जिसे मैंने,
उन्हीं राहों पर फिर ले आया वो,
अधूरे छूटे थे हाथ जहाँ,
वहीं से उन्हें थामकर चला वो...
इश्क एक जुनून,
एक ज़हर सा खला था जिसे,
उसी इश्क की मिठास चखा गया वो,
फरेबों से घिरी दिल की इस नगरी में,
पहला प्यार बनकर ठहर गया वो...

