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Deepika Shenoy

Drama Fantasy

1.3  

Deepika Shenoy

Drama Fantasy

नज़रें

नज़रें

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तिलस्मी नज़रें उनकी

जब पड़ी इस हुस्न पर

रूह रक्स करने लगी...


सच हुई ताबीर हर एक

मुसलसलसी इस ज़िंदगी में

हल्की हल्की मोहब्बत पनपने लगी...


मुन्तज़िर थे हम

उनके साथ इक पल के लिए

सच्चाईयाँ भी ख्वाबेदा होने लगी...


मेहरबानी खुदा की कुछ यूं हुई

साथ देख उनका

समय के पल, हमारी ज़िंदगी के लम्हों से रश्क करने लगी...


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