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Sarita Kumar

Romance

4  

Sarita Kumar

Romance

फिर वही वसंत आया है

फिर वही वसंत आया है

1 min
340


मौसम बहार का आया है 

हर तरफ हर्षोल्लास है 

कोंपलें आ गई है पेड़ों पर 

खिलने लगे हैं क्यारी के हर फूल 

फिर वही वसंत आया है ....

गीत प्रेम के गाने लगे हैं लोग 

भौंरे भी गुनगुनाने लगे हैं 

बीत गए दिन विरह के 

अब हर कली मुस्कुराने लगी है 

मौसम का असर होने लगा है मुझ पर 

सुरत अपनी भी मुझको भाने लगी है 

बाकी है मेरे चेहरे पर अभी तक वो गुलाल ......

जो लगाया था किसी ने मुझको पहली बार 

दिल ज़ोर से धड़का था होकर उनके करीब 

हाथ उनका भी कंपकंपाया था हौले हौले से

भागकर देखा था दर्पण में मुखड़ा अपना  

आज भी आंखों में वही ..... सूरत बसी है 

उस गुलाल की आभा से दमक रहा है चेहरा मेरा ....

आज वही वसंत फिर आया है 

मौसम बहार का लाया है ।



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