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Renu Sahu

Classics

4  

Renu Sahu

Classics

फिल्म

फिल्म

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385


समाज का आइना कह, परोसा जिसे गया |

पल-पल मनोरंजन, लोगो को जिसने दिया |


कुछ घंटो की कहानी, कई भावना बांध आते हैं |

फिल्म है जो कल्पना, परदे पर दिखाते है |


नायक नाइका का मिलना, दिल को छू जाता है |

बरसात के गांनो में, तनमन भीगा जाता है ।


पति पत्नी की नोक झोक, आपस का गहरा प्यार ।

फिर किसी विलन के द्वारा, इनके बीच लाना तकरार ।


बीतता गया फिल्मो का जमाना, सादिया बीती दशक गए ।

पारिवारिक, मस्ती, अल्हड, शालीनता, हर तरह के स्वाद मिले ।


हर वर्ग, हर आयु की कहानी, जब परदे पर चलती है ।

जीवंत हो उठती कहानियां, कौतुहलता समेट ये लेती है । 


हाँ! फिल्मो ने दिखाया है, समाज के कई प्रकार ।

राजनीति, परिवार,प्रेम-प्रसंग, बच्चो की शरारत, व्यापार ।

साहित्य, कल्पना, विज्ञान, विध्वंश, इतिहास, भविष्य, कई देव-अवतार, 


कल, आज, आने वाला कल, फिल्म चलेंगी जैसे चलती है ।

परदे, चेहरे, संकल्पना समय के साथ बदलती है।


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