फांसी ( 49 )
फांसी ( 49 )
देश में पहली बार महिला को फांसी
यू.पी. के जिला अमरोही में,
हुई ऐसी घटना गांव बावनखेड़ी में,
सारे रिश्ते तार-तार हुए यहाँ,
पन्द्रह अप्रेल दो हजार आठ की रात,
प्रेमी संग प्रेमिका का चढ़ा ऐसा भूत,
शबनम को प्यार का ऐसा चढ़ा नशा,
प्रेमी संग मिल
अपने परिवार को किया बेहोश,
फिर भी भरा शबनम का जी नहीं
कर दिया कुल्हाड़ी से
परिवार का काम तमाम,
अंधे प्यार ने भेज दिया
जेल की अंधेरी कोठरी में,
क्या समझ कुकृत्य किया था
रात के अंधेरे में ?
ऊपर वाले के यहाँ देर है
अंधेर नहीं शायद उसको नहीं मालूम,
तू तो नारी थी एक बार भी नहीं सोचा
तुझ से ही घर बनता तुझ से चलती दुनिया,
कैसे बन गई तू अंधी बहरी और गूंगी
एक प्यार के मोह में
अपनों को चिर-निंद्रा में सुला दिया,
वो पागल प्रेमी भी कैसे
कर बैठ उस पर भरोसा ?
जो अपनों का कर सकती है वो वध
कैसे वो बनेगी मेरा भरोसा ?
बंधा तो नहीं सर पर सेहरा
सूली पर लटका दिया जाएगा,
ऐसे कुकृत्य करने वालों को "फांसी"
पर लटका दिया जाएगा,
हो सके तो इनको
ऐसी सजा दो रूह इनकी कांप जाये,
देखने और सुनने वालों को
दिल में डर बैठ जाये,
फिर कभी कोई ऐसा कुकृत्य करें नहीं,
इनको फांसी से सजा हो कम नहीं !!