साजिश ए रिहाई
साजिश ए रिहाई
खुश होइए कि देश में कानून का राज है
पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारे छूट रहे आज हैं
क्या हुआ जो "उसे" मानव बम से उड़ा दिया
उसकी मासूमियत का इस तरह सिला दिया
रिहा करने की सिफारिश पत्नी ने ही की थी
ऐसा करके एक बार फिर से "महान" बनी थी
महान काम करके उसने कितना नाम कमाया
पहले कुर्सी छोड़ी अब हत्यारों पर स्नेह लुटाया
बेटी उन हत्यारों से मिलने जेल में जाती रही
लोगों को लुका छिपी का खेल खिलाती रही
अब रिहाई को सरकार के मत्थे मढ रहे हैं
रिहा करवा कर वे "पाक साफ" बन रहे हैं
पहले फांसी को आजीवन कारावास कर दिया
अब "अच्छे बर्ताव" का वास्ता देकर रिहा किया
एक प्रधानमंत्री के हत्यारे इस तरह छूट रहे हैं
समझ से परे है कि इससे क्या संदेश दे रहे हैं
यही कि हत्या करो, व्यवस्था की खिल्ली उड़ाओ
राजनीति की पिच पर न्याय कि गिल्ली उड़ाओ।