फागुन आया जीवन के रंग वापस लाया
फागुन आया जीवन के रंग वापस लाया
फागुन आया फागुन आया
हर मन में हर्ष और उल्लास लाया
कुपित मन कर शोधन
बालपन वापस लाया
फागुन आया फागुन आया
जीवन के रंग वापस लाया।
भीतर छिपा हैं एक नन्हा सा मन
जो देख रंगो की थाल
उड़ना चाहता है संग
इस उन्मुक्त गगन में
देख पिचकारी आज फिर से
भीगना चाहता है आक्रोश को अपने
और बनना चाहता है गुजिया सा मीठा।
फागुन आया फागुन आया
जीवन के रंग वापस लाया
सुना नवयुवकों को लोक गीत
सभ्यता-संस्कृति के रंग में डूबो दिया
फागुन ने चकाचौंध की जिंदगी में
रंग उमंगो का भर दिया।
बहना चाहते हैं सब
इस होली की बौछार संग
फागुन ने सबको एकता के सूत्र में पिरो दिया।
हो रही है होलियाँ
गा रहे हैं मांगल गीत
एक दूजे के घर जाकर
खुशियों में सबके,खुश हो रहे है
मिलकर सब फागुन का स्वागत कर रहे हैं
फागुन आया फागुन आया
जीवन के रंग वापस लाया।