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Pratibha Bilgi

Tragedy

5.0  

Pratibha Bilgi

Tragedy

पेड़ का डॉक्टर

पेड़ का डॉक्टर

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एक पेड़ जो

वर्षों तक खड़ा रहता है

धूप में, बारिश में, शीत में भी

बिना शिकायत किये

उसकी शाखाओं पर

मजे से दौड़ती गिलहरियाँ 

यहाँ से वहाँ, वहाँ से यहाँ


कोई चिड़ियाँ 

घौंसला बना लेती है उस पर

सुरक्षित महसूस करती है

बच्चों को जन्म देती है

पिपीलिकाओं का तो घर होता है पेड़

कई लोग


जब गर्मी अपना कहर ढाती है

उस पेड़ के नीचे

छाँव के लिए रुकते हैं

ठंडक का अनुभव करते हैं

परंतु वहीं लोग

उस पेड़ का तना छीलते हैं

टहनियों को तोड़ते हैं

फूलों को पैरों तले रौंदते हैं

और अंत में

काटकर फेंक देते हैं 


जो पेड़ कभी कल्पवृक्ष कहलाता था

जीवन का मूल,

प्राणवायु का स्रोत था

आश्रय था कई जीव - जंतुओं का

खिन्नता से ग्रस्त 

मनुष्य के व्यवहार से आहत

आज आशा भरी नजरों से

हमारी तरफ देख रहा है


जीवनदान माँग रहा है

आस लगाये बैठा है

कि शायद उसे बचाने कोई

पेड़ का डॉक्टर जरूर आएगा !


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