पेचीदगियां
पेचीदगियां
एतबार टूटकर करना
और एक दिन रूठ जाना,..२
भुगते वही जो एतबार करे।
ये ज़िंदगी की पेचीदगियां
एक तरफा लगने लगी है,..२
समझे वही जो चालीस पार गए।
थोड़ा मुश्किल हो सकता
जीवन जीना इस दौर में,.. २
जिसने समझा वो तो पार गए।
वो नशीली आँखों के पैमाने
और नशा दिन भर का,... २
डूब गए सब जो तैरने पार गए।