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Pratibha Jain

Comedy

4  

Pratibha Jain

Comedy

पैसा

पैसा

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सुनो मैडम तुम्हें पैसों की सैर करा दो,

वो आराम की कमाई गाँव की

चैन से न खा पाई,

चंद पैसों का लालच शहर चली आई।


इससे उधार लिया इच्छा पूरी की,

फ़िर भी लालच की भूख न मिटी।

उधड़-बुन कर पैसों की कमाई मस्त की।

धरती से जन्नत देख उर्फ क्या नज़ारा था,

जन्मभूमि त्याग ऑक्सीजन सिलेंडर का सहारा था।


वो बगों की सैर

वो कुत्तों के साथ चलना

ग़जब का रौब है

इंग्लिश बोलना

इंग्लिश पीना

वनपीस पहनना

पैसों का रौब है।


दिल्ली बम्बई की सैर छोड़

इंग्लैंड अमेरिका गये

वो पैसों की भूख

शिमला गोआ ले गई

नदियां किनारा देख

वो बचपन याद आया।


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