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Anil Gupta

Comedy

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Anil Gupta

Comedy

कविता

कविता

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एक बार एक सज्जन

 बहुत जल्दबाजी में आए 

भाई साहब 

हेयर डाई चाहिए 


मैंने नजर डाली 

उनके सिर चमक रहा था

यानी  एक भी बाल नहीं था 

मैंने कहा किसके लिए 

ले जा रहे है बोले अपने लिए 

 

कौतूहल को मुँह में दबाए

 मैंने कहा मुझे तो बाल

 नजर नहीं आ रहे हैं

 

कहने लगे 

क्या बताएँ भाई साहब 

पंद्रह साल से 

डाई लगा रहा हूँ 


अब तो आदत सी पड़ गई है 

बाल भले ही न रहे हो

 मगर डाई लगाने की 

आदत नहीं गई 

सो नहीं गई।


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