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Anil Gupta

Tragedy

4  

Anil Gupta

Tragedy

कविता

कविता

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द्वार द्वार पर अलख जगाने

नेताजी आएंगे !

वोट मांगने गली गली में

नेताजी आएंगे !!

कल तक जिनको ढूंढ ढूंढ कर

हम सब हार गए थे !

आज स्वयं ही दर्शन देने

नेताजी आएँगे !!

कुए में मोटर डालेंगे 

यह पिछली बार कहा था !

अबके फिर नलकूप खुदाने 

नेताजी आएंगे !!

कन्यादान करेंगे 

हम गांव की 

हर कन्या का!

विदा हो गई सब बेटी 

अब नेताजी आएंगे !!

सूख गई फसलें ज्वार की 

खाली खेत पड़े हैं !

उस जमीन पर डेम बनाने 

नेताजी आएँगे !!

बूढ़ी माँ खटिया पर लेटी 

माला फेर रही है !

उसका हिस्सा हथियाने को 

नेताजी आएंगे!!

हम तो उनके वोट बैंक 

अब वो ही खेवनहार !

भ्रम की ऐसी नदी पार कर

नेताजी आएंगे !!


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