कविता
कविता
बसंत महोत्सव यानी
वेलेंटाइन डे पर
एक लड़के ने
अपनी प्रेमिका को
फोन लगाया
मगर अफसोस
फोन प्रेमिका की जगह
उसकी दादी ने उठाया,
दादी
कुछ ऊँचा सुनती थी
बोली हैलो हैलो
कौन है
उधर वाला
लड़का भी प्रेमिका के
ख्यालो में मग्न था
यानी
अपनी ही चुनी राह में
उद्विग्न था
लड़के ने कहा
पहचाना नही
तुम्हारा होने वाला ।
