हम भक्तों के भक्त हमारे
हम भक्तों के भक्त हमारे
हम भक्तों के भक्त हमारे
डॉ जे पी बघेल मुंबई
हम भक्तों के भक्त हमारे
लगा रहे हैं भक्त हमारे चौतरफा जयकारे
मित्र हमारे धनी-धनी सब छवि अपनी निर्धन की
कही करी जितनी भी हमने सब अपने ही मन की
सेवक बनकर मेवा खाई कर वारे के न्यारे ।१
नजर बंद कर करें कीर्तन गावें बिफर बिफर के
भक्तों पर जो नजर उठावें वे मारे धर-धर के
हमने तेज नजर वाले सब नजरबंद कर डारे ।२
नवधा वाली काम न आईं नौ-नौ भक्ति बिचारी
नींव नई हमने इस युग में नई भक्ति की डारी
राज-भक्ति में रमे जोगियों के अब हम ही प्यारे ।३
संकट दुनिया पर कितने भी कोरोना-से आए
गो गो कोरोना गो कहकर हमने दूर भगाए
ताली ताली शंखों वाले भक्त सभी से न्यारे ।४
हम भक्तों के भक्त हमारे,
लगा रहे हैं भक्त हमारे चौतरफा जयकारे ।।