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ANANDAKRISHNAN EDACHERI

Tragedy Inspirational

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ANANDAKRISHNAN EDACHERI

Tragedy Inspirational

पैसा

पैसा

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आज मनुज का जनम मरण

कुछ पैसे नहीं तो चलता नहीं 

सारी दुनिया मदांध गज सम

सुध बुध भूलकर भटक रहा ।


जिसके पास नहीं है सिक्के

उसके पास नहीं है रिश्ते ।

पर हमको खूब समझना है 

यह नर जीवन की जादू है ।


खेतों में खलिहानों में फिर

कर्षकों को जमींदारों को

दाने बोने आगत सब को

सदा सदा पैसे की चाह ।


पैसा नहीं तो खाना नहीं है

खाना नहीं तो प्राण नहीं है 

आनन फानन पैसा पैसा

कहकर कितने वेश पहनते ।


छत्र पकड़कर जाने वाले

छेड़छाडकर छिपने वाले

छोटे छोटे बालक को फिर

छंटे छली भी पैसे के वश में


हरि भक्ति में हरिश्चंद् ने

सच्चाई को निभाने मे

प्राण प्रिय निज पत्नी से 

पैसे माँगे मरघट में ।


पैसों के मोहावेश मे पड़

जग जीवन छोडे कितने !

हम भी ऐसी विभ्रांति में

मानव जन्म न व्यर्थ करें ।



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