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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Tragedy

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Tragedy

“अब नहीं लिखते रहेंगे”

“अब नहीं लिखते रहेंगे”

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532


बस , बहुत हो गया ,

अब नहीं लिखते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!

बस , बहुत हो गया ,

अब नहीं लिखते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!


ना कोई इसको पढ़ता ,

ना कोई देखता इसको !

किसे आज फुर्सत है ,

समझ ले कोई सबको !!

क्यों हम खामखाह यूँ ,

ही सदा लिखते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!

बस , बहुत हो गया ,

अब नहीं लिखते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!


परिधानों में सज कर ,

दुल्हन रूप सजाती है !

उसको भी लोगों की ,

तारीफें भा जाती है !!

है किसे फुर्सत कहाँ ,

जो कभी लिखते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!

बस , बहुत हो गया ,

अब नहीं लिखते लिखेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!


सब रससे सिंचित कर ,

छवि अपना दिखलाते हैं !

दर्शक आँखें बंद किए ,

नींदों में ही डूबे रहते हैं !!

तिरष्कार की छवि को ,

कब तक सहते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!

बस , बहुत हो गया ,

अब नहीं लिखते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!


प्रणय गीत बेकार हुआ ,

कविताओं को भूल गये !

सुंदर तस्वीरों को देखके ,

मंत्रमुग्ध से पूर्ण हुये !!

फिर मधुर संगीतों से ,

बात अपनी कहते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!

बस , बहुत हो गया ,

अब नहीं लिखते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!


व्यंगों को समझाने का ,

मंत्र किसे यह आता है !

बिन समझे लोगों में ,

अर्थ अनर्थ हो जाता है !!

बिना लक्ष्य के कबतक ,

यूँही हम लड़ते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!

बस , बहुत हो गया ,

अब नहीं लिखते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!


अंधभक्त के आँखों में ,

अंधियारी ही छायी है !

राजनीति की बातों से ,

दुनियाँ ही भरमायी है !!

झूठी बातें झूठे सपने ,

कब तक गढ़ते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!

बस , बहुत हो गया ,

अब नहीं लिखते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!


हम कुछ इंतज़ार करेंगे ,

अपने को तैयार करेंगे !

स्वयं पाठक बनकर फिर ,

लिखने की बात करेंगे !!

हम लिखेंगे लोगों को ,

भी प्रेरित करते रहेंगे !

तब अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!

बस , बहुत हो गया ,

अब नहीं लिखते रहेंगे !

नहीं अपनी कलम से ,

रचना कोई गढ़ते रहेंगे !!


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