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NOOR EY ISHAL

Abstract Romance Tragedy

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NOOR EY ISHAL

Abstract Romance Tragedy

इश्क़ की कहानी

इश्क़ की कहानी

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क्या लिखूँ एक इश्क की कहानी

एक था राजा और एक थी रानी

हौले हौले से हुआ दोनों को प्यार

हुआ आख़िर इक़रार ओ इज़हार।


खुशियाँ रानी को देने के वादे थे

सच्चे मज़बूत राजा के इरादे थे

अच्छी क़िस्मत से थे ये मुतमईन

अपनी मोहब्बतों पर था यकीन।


हो गए एक जल्दी ही वो जैसे-तैसे

हुए तमाशे खूब नाजाने कैसे कैसे

मोहब्बत का हुआ जो शुरू सफ़र

होने लगा था कुछ अलग ही मगर।


भूला राजा अपने किये सारे वादे 

रानी के लिये अच्छे नहीं थे इरादे

सुबह ओ शाम थी सिर्फ़ बेइज्जती

रानी के प्यार की हुई थी बेहुरमती।


राजा गुस्से में होता था रानी से सख्त

पता नहीं कितना बाकी था बुरा वक़्त

रानी सदा ही सब्र से काम लेती थी

बड़े प्यार से राजा का नाम लेती थी।


राजा हुआ रानी से बिल्कुल बेख़बर

जिम्मेदारियों ने किया रानी का हशर

राजा की मुस्कुराहट को थी तरसती

रह रह के रानी की आँखें थीं बरसती।


ना संगी साथी बाकी रहे ना थी सहेली

राजा बना रानी के लिये अजीब पहेली

थे गुस्सा ग़म इल्ज़ाम ना थी कोई चाहत

राजा के हाल से थी रानी दिल में आहत।


रानी हो ख़ामोश सारे फ़र्ज़ निभाती गयी

वक़्त के साथ-साथ होठों को सीती गयी

ना होती थी खुशी कोई रानी के दिल में

रोज़ बहुत रोती थी रानी दिल ही दिल में।


उठ गया रानी का मोहब्बत से भरोसा

अक्सर तन्हाई में उसने ख़ुद को कोसा

नहीं सच्चा प्यार दुनिया में ये गयी मान

बस सिर्फ़ जरूरत है ये रानी गयी जान।


किया था रानी ने ख़ुद को रब के हवाले

क़ैद कर इश्क को दिल पे लगाये ताले

और क्या लिखूँ इस हसीं इश्क़ की रूदाद

इश्क़ के बहकावे में बहुत हो गये बरबाद।


पर मोहब्बत ने उम्मीद ना खोयी आज भी

माँग राजा को दुआ में रानी रोयी आज भी।


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