पायलिया
पायलिया
पायलिया पायलिया पायलिया पायलिया
हूं मैं तेरी गुनहगार साजन से गई मैं हार
घुंघरू खिंड गए तेरे सारे मुझे माफी दे दे यार
पायलिया पायलिया......
1
रात के सन्नाटे में फूल और कांटे में
चांद तारे है गवाह गाल और चाटे में
जोरों से हुई मशक्कत
हाथ पैर में मारती रहे गई कोशिश सारी बेकार
मुझे माफी दे दे यार
पायलिया पायलिया.......
हूं मैं तेरी
2
जब उसने पकड़ी कलाई मेरी चूड़ी भी घबराई
जब हाथ लिया कमर पे मैं तो मर गई हाय डर के
गर्माहट उसकी सांसों की
सीने में उतर गई जैसे तेजधार तलवार
मुझे माफी दे दे यार....
पायलिया पायलिया....
3
जब बारी तेरी आई मैं कुछ भी नहीं कर पाई
जन्नत में ले गया वह मुझको सच में दिखा दिए तारे
उसके आगे क्या होना तेरे घुंघरू खिंड गए सारे
तेरी तो उजड़ी दुनिया मेरी रोनके बहार
मुझे माफी दे दे यार....
पायलिया पायलिया......

