पापा का प्यार न्यारा होता
पापा का प्यार न्यारा होता
धुल मिट्टी सब एक कर
ललाट में ओस की बूंद
मुस्कान दिखता मुख पर
वो तो पापा ही कर पाए
अद्भूत होता इनका प्यार।
अकसर नजर अंदाज होता
पापा का प्यार न्यारा होता
सुनहरे सपने को बलिदान दे
बसंत काल की बहार लाता
यही इनका अलग अंदाज।
अद्भुत शक्ति समाए हैं
देता अभिमान का मान
मेरी खुशी उनकी शान
उनकी उम्मीद मेरा कर्तव्य।
नाम ,धर्म मिलता एक पहचान
साहस , हिम्मत और शोहरत
देता एक अपना आयाम
जो ना सुने फरमान पिता की
ठोकर खा - खाकर बिगड़े काम।
बाप पर बाप ना बनो
अपना भाग्य खराब मत करो
तुम भी एक दिन याद रखो
आज जो तुम बेटा हो
एक दिन तुम भी बाप बनोगे।।