Chandramohan Kisku
Tragedy
मीलों दूर से
औरतों की सर पर
चढ़कर
घर को पहुंचा
एक बून्द पानी,
प्रणाम ,
औरतों की उस यात्रा को
प्रणाम,
औरतों की उस थकावट को
और अंत में प्रणाम ,
एक बून्द पानी को
जो अमृत बनकर
आया है मुझ तक !
समर्पण :कविता...
उसका भविष्य
मेरा भी प्रश्...
मलाला
तुम और मैं
लिखूंगी
प्यार का घर
आँसू की बूँद ...
चिड़ियाँ को मा...
आगे ही चलते र...
अपनी ही शक्ल कभी सूनी दीवार पर खाली टंगे आईने में देख पायेंगे। अपनी ही शक्ल कभी सूनी दीवार पर खाली टंगे आईने में देख पायेंगे।
जिसमे हम फिर एक दूसरे के नजदीक आयेगें, एक सुबह तो जरुर होगी। जिसमे हम फिर एक दूसरे के नजदीक आयेगें, एक सुबह तो जरुर होगी।
अब तुझको ही डर आएंगे सब मिलकर पूरी ताकत से कोविड तुझे भगाएंगे। अब तुझको ही डर आएंगे सब मिलकर पूरी ताकत से कोविड तुझे भगाएंगे।
फिर मुन्नी को सुलगना होगा सिगरेट की तरह सारी रात राख होने तक। फिर मुन्नी को सुलगना होगा सिगरेट की तरह सारी रात राख होने तक।
नहीं तो ऑक्सीजन की, कोई कमी नहीं होती इस पृथ्वी पर। नहीं तो ऑक्सीजन की, कोई कमी नहीं होती इस पृथ्वी पर।
सूरत का लिबास ओढ़े, हिज़ाब का अंश तक नहीं। सूरत का लिबास ओढ़े, हिज़ाब का अंश तक नहीं।
छोड़ कर संग इसका क्यों ना तुम खुद को जीवन प्रदान करो। छोड़ कर संग इसका क्यों ना तुम खुद को जीवन प्रदान करो।
जब सब सहकर्मियों ने बागडोर हमारी संभाली, देखते ही देखते पूरा साल गुजर गया। जब सब सहकर्मियों ने बागडोर हमारी संभाली, देखते ही देखते पूरा साल गुजर गया।
सांसों का भी मोल होता है, जीवन का भी व्यापार होता है, मरने पर भी मुक्ति के लिए इंतजार सांसों का भी मोल होता है, जीवन का भी व्यापार होता है, मरने पर भी मुक्ति के लि...
और न जाने समंदर में अब कितने हिचकोले दिलाएगी। और न जाने समंदर में अब कितने हिचकोले दिलाएगी।
सारे दर्द को खुद में समेटे मैं तुम्हें फाँसी पे लटकी हुई दिखूंगी। सारे दर्द को खुद में समेटे मैं तुम्हें फाँसी पे लटकी हुई दिखूंगी।
कितने भी जख्म हो शरिर पर यही है मेरा जहाँ। कितने भी जख्म हो शरिर पर यही है मेरा जहाँ।
म सब वहशी जानवरों से भी बदतर हो गए वहशी जानवर कौन है......? म सब वहशी जानवरों से भी बदतर हो गए वहशी जानवर कौन है......?
कहाँ कुछ जख्म भरने के बचे थे हयात में अब हयात ही जख्मों से हरी भरी लगने लगी है कहाँ कुछ जख्म भरने के बचे थे हयात में अब हयात ही जख्मों से हरी भरी लगने लगी ह...
बहने लगे धारा समय की जोड़ती कड़ी अतीत की भविष्य से। बहने लगे धारा समय की जोड़ती कड़ी अतीत की भविष्य से।
जिस सांस तक तू समझे प्यार , उस दम तक जीना है मुझे यार। जिस सांस तक तू समझे प्यार , उस दम तक जीना है मुझे यार।
कोई न कोई बीमारी उसे हमेशा घेर रखती हे दवाइयों का वह अलग-अलग ढेर रखती है कोई न कोई बीमारी उसे हमेशा घेर रखती हे दवाइयों का वह अलग-अलग ढेर रखती है
अब तो ना रही, गले में कंठी, और ना ही, रही स्वाभिमान की माला।। अब तो ना रही, गले में कंठी, और ना ही, रही स्वाभिमान की माला।।
हवा के झोंके जैसे ही तो आई हूँ, यों मत करो मुझ पे ऐतबार इतना। हवा के झोंके जैसे ही तो आई हूँ, यों मत करो मुझ पे ऐतबार इतना।
बहुत करीब आया था तुम्हारी जिंदगी में पर अब तो उतना ही दूर चला जाऊंगा बहुत करीब आया था तुम्हारी जिंदगी में पर अब तो उतना ही दूर चला जाऊंगा