नया साल मुबारक
नया साल मुबारक
नमस्ते एहसास अपनेपन का परिवार।
मैं सुमित आप सभी के लिए एक बहुत ही शानदार और जानदार कविता प्रस्तुत कर रहा हूं।
आशा करता हूं कि आप सभी को ये कविता बहुत पसंद आयेगी।
कृप्या करके आप सभी अपना प्यार और आशीर्वाद देकर कृतार्थ करे।
कविता: नया साल मुबारक हो।
सभी सर्वजनो को मुबारक हो नया साल,
सदा रहे आप हम और विश्व सदा खुशहाल।
सेना रूपी दीपक भारत मां के जवानो को,
कुर्बान कर देते प्राण तक देश की आन-बान को।
जो मरकर भी नही भूलते भारत-मां के एहसानो को,
पूरा करते हर वादा,वचन देश की रक्षा के लिए न्यौछावर करके अपने प्राणो को।
कभी खतरे में नही पड़ने देते भारत मां की आन-बान को,
नववर्ष मुबारक उन सभी वीर जवानो व उनके परिवार वालो को।
स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओ को भी मुबारक नया साल,
परीक्षा में आकर अव्वल करे रोशन अपने माता-पिता व देश का नाम।
संसार के सभी राष्ट्रो में बना रहे सदा प्यार शांति सुख-अमन-चैन,
सहयोग करे सदा एक-दूसरे को करे हिंसा पूरी तरह बैन।
नेकदिल रहे आपस में ना आये विनाश की क्रांति,
सब में रहे स्नेह-भाव सहयोग की भावना ताकि बनी रहे पूरे विश्व में शांति।
ना रहे कोई भेदभाव ना जाति ना धर्म का व ना किसी वर्ग का,
प्यार से रहे सर्वजन बनकर नेक व दयालु जन कि एहसास हो स्वर्ग का।
सपने हो सभी के साकार चाहे हो वो बाल, युवा या सीनियर सिटिजन,
यही करे कामना सभी कि रखे सब धर्मो के मान-सम्मान का ख्याल ताकि ना दुखे किसी का मन।
ना हो हानि किसी को, खूब हो सभी को लाभ,हो जाये इस साल मालामाल,
अमीरी-गरीबी का फर्क हटे,
ना हो कर्जदारी का खौफ, सब हो जाये खुशहाल।
