नववर्ष संकल्प
नववर्ष संकल्प
नववर्ष में हम चलो
मिलकर नवज्योत जलाते हैं
हँसते और मुस्काते हुए
कंधे से कंधे मिलाते हैं
संघर्ष और कठिनता के बीच
अनगिनत सपनें सजाते हैं
और उन्हें पूरा करने का
साहसपूर्ण कदम उठाते हैं
यथार्थ की ज़मीं पे आओ
हम कल्पना का बीज उगाते हैं
और कठिन परिश्रम संग हम चलो
चाँद को भी छू आतें हैं
रोते हुए इस जग में आये थे
हँस के जाने का प्रण उठातें हैं
विश्वास की मशाल हाथ में पकड़े
मानव जीवन को सफल बनाते हैं
अब तक तो जीया स्वार्थी बन
लोकहित में कुछ कर जातें हैं
नववर्ष में हम चलो
मिलकर नवज्योत जलाते हैहँसते और मुस्काते हुए
कंधे से कंधे मिलाते हैं
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