मौत औरों को डराती है, पर मांगू को बिल्कुल नहीं। क्योंकि शमशान ही उसकी कर्मभूमि है, शमशान ही उसके... मौत औरों को डराती है, पर मांगू को बिल्कुल नहीं। क्योंकि शमशान ही उसकी कर्मभूम...
तुम यथार्थ की नगरी के बाशिंदे हो। पर मैं रहता हूँ सपनों के ग्राम में। तुम यथार्थ की नगरी के बाशिंदे हो। पर मैं रहता हूँ सपनों के ग्राम में।
हँस के जाने का प्रण उठातें हैं विश्वास की मशाल हाथ में पकड़े मानव जीवन को सफल बनाते हैं हँस के जाने का प्रण उठातें हैं विश्वास की मशाल हाथ में पकड़े मानव जीवन को सफल...
और मैं व्यग्र हो उठती साकार देने को उन शब्दों को जो आँखों मे निरंतर उछालता कूदता सा यथार्थ होने... और मैं व्यग्र हो उठती साकार देने को उन शब्दों को जो आँखों मे निरंतर उछालता ...
आँकडों की बाढ़ में भावनाएँ ....बह गई हैं ... आज़ादी की गाथाएँ सिर्फ़ किताबों में रह गईं। आँकडों की बाढ़ में भावनाएँ ....बह गई हैं ... आज़ादी की गाथाएँ सिर्फ़ किताबों में...