तस्वीर में रंग भरना सीख रहा हूँ सीख रहा हूँ जख़्मों को ढ़कना दर्द में मुस्कुराना सीख रहा हूँ ... तस्वीर में रंग भरना सीख रहा हूँ सीख रहा हूँ जख़्मों को ढ़कना दर्द में मुस्...
मेरे अल्फाज़ो को सवारती है "क़लम" मेरे जज्बातो को बयां करती है "क़लम"। मेरे अल्फाज़ो को सवारती है "क़लम" मेरे जज्बातो को बयां करती है "क़लम"।
तलवार की ताकत से बढ़कर, तेरी क़लम है क्या फनकार है इसमें ज़माने को दिखा दो ज़रा तलवार की ताकत से बढ़कर, तेरी क़लम है क्या फनकार है इसमें ज़माने को दिखा दो ज़रा
भाव ,भंगिमा रस ,अलंकर नकारात्मक ,सकारात्मक परिसीमाओं से दूर रहकर कुछ लिख लेते हैं ! भाव ,भंगिमा रस ,अलंकर नकारात्मक ,सकारात्मक परिसीमाओं से दूर रहकर कुछ लिख लेते है...
और मैं व्यग्र हो उठती साकार देने को उन शब्दों को जो आँखों मे निरंतर उछालता कूदता सा यथार्थ होने... और मैं व्यग्र हो उठती साकार देने को उन शब्दों को जो आँखों मे निरंतर उछालता ...
आज मैं तुम से रूठ जाती हूँ आओ अब मनाओ मुझे ना मानूँगी फिर भी ग़म ओ खुशी को जी जाओगे फिर से, फिर ज... आज मैं तुम से रूठ जाती हूँ आओ अब मनाओ मुझे ना मानूँगी फिर भी ग़म ओ खुशी को जी ...