अभी तो लिखना सीख रहा हूँ
अभी तो लिखना सीख रहा हूँ
अभी तो लिखना सीख रहा हूँ
कलम पकड़ना सीख रहा हूँ
आडी- तिरछी रेखाओं से
तस्वीर बनाना सीख रहा हूँ
फूलों को निचोड़ कर
तस्वीर में रंग भरना सीख रहा हूँ
सीख रहा हूँ जख़्मों को ढ़कना
दर्द में मुस्कुराना सीख रहा हूँ
कोशिश कर रहा हूँ
जीवन को लिखने की
जीवन के उमंग/तरंग को
लिखना सीख रहा हूँ
दर्द, आँसू,तकलीफों को
शब्दों में ढ़ालना सीख रहा हूँ
कोशिश करता हूँ की
लिखूँ तक़दीर को
पर गलती से तक़दीर के
जगह तस्वीर लिख देता हूँ,
सीख रहा हूँ लिखना फूलों के सुगंध को
चिड़ियों का गीत लिखना सीख रहा हूँ
कोशिश तो करता हूँ कि
लिखूँ खुशी का गीत
प्रेम कविता लिखूँ
पर उंगलियाँ काँपने लगती है
और कागज पर
आडी -तिरछी रेखा खीच जाती है
जोड़ता हूँ उन रेखाओं को तो
वही अधूरी तस्वीर उकेर आती है
इस अधूरी तस्वीर को
पूरा करना सीख रहा हूँ
अभी तो सीख रहा हूँ लिखना
क़लम पकड़ना सीख रहा हूँ l