और मैं व्यग्र हो उठती साकार देने को उन शब्दों को जो आँखों मे निरंतर उछालता कूदता सा यथार्थ होने... और मैं व्यग्र हो उठती साकार देने को उन शब्दों को जो आँखों मे निरंतर उछालता ...
एक बेटी, एक स्त्री के हृदय की वेदना.. एक बेटी, एक स्त्री के हृदय की वेदना..