पल
पल

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जीवन के वो बीते कल,
याद आते हर घड़ी हर पल।
साँसों में कुछ बेचैनी सी लगती है,
हर समय कुछ कमी सी लगती है ।
जीवन के ये अधूरे पल,
शायद पूरे हो जाएँ कल।
हर पल कुछ छूटा सा लगता है,
दिल का कोई हिस्सा टूटा सा लगता है,
फिर भी इस अकेलेपन में,
मन के इस सूनेपन में,
एक झंकार सुनाई देती है,
मन में एक परछाई सी बनती है,
शायद वो तुम हो, वो तुम हो, वो तुम हो ।