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Prakash kumar Yadaw

Action Classics Fantasy

4  

Prakash kumar Yadaw

Action Classics Fantasy

नफरत

नफरत

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इंसान के दिल में नफरत है,

ये हथियार बता रहा है।


सभी के पास है अनेक हथियार,

स्वयं संसार बता रहा है।


ये गन ये बॉम्ब आपस में युद्ध,

असलियत किरदार बता रहा है।


देश के गरीबी को मिटाओ,

चहुं ओर प्रेम ही प्रेम फैलाओ।


नफरत मत करो किसी से,

कोई भी हो सबको गले लगाओ।


दुनिया को प्रेम की जरूरत है,

प्रेम में ही दुनिया खूबसूरत है।


फिर भी स्वार्थी है मनुष्य आज,

पत्थर के सभी बन गए मूरत है।


मानवता नहीं है दिल में उनके,

उनके स्वार्थ व्यापार बता रहा है।


इंसान होकर इंसान को मारते हैं,

पाप का विस्तार बता रहा है।


इंसान के दिल में नफरत है,

ये हथियार बता रहा है।


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