नन्ही चिड़िया
नन्ही चिड़िया
एक नन्ही चिड़िया जब इन ऊंची मीनारों को तकती है
वो दीवारें उस पर खूब हँसती है
कहती है दीवारें उस से
तू तो एक छोटी सी चिड़िया है
तुझसे बड़ी मेरे मीनारों की ईटें है
मत देख तू ख्वाब, तेरे बस की बात नहीं
पार करें इन दीवारों को इतनी तेरी औकात नहीं
सुन के बाते ऐसी नन्ही चिड़िया थोड़ी घबराई ,
कुछ सकुचाई
याद उसे फिर वो बाबा की बाते आई
हो हौसला हर जंग जीत सकती है
रख यकीन खुद पर तू सब कुछ कर सकती है
भरी उड़ान तब उसने पंखों में नया जोश समाया
उस दीवार से लड़ने का अब उसने है ठाना
किए कई विफल प्रयास उसने पर हार ना मानी
रख यकीन खुद पे उस पार जाने की ठानी
हुआ वहीं को होना था
नन्ही चिड़िया को अपने पंखों पे भरोसा था
पार कर गई उस मीनार को
जिसका कद उसके कई गुना था
झुका सिर शर्म से गुरूर भी उसका टूटा था
इक नन्ही चिड़िया ने जब उस अम्बर को चूमा था
