Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

नज़्म

नज़्म

1 min
284


तेरी मौन मुस्कान की मार को क्या समझे

करे वो दिल पर ठंड़ा वार तो क्या समझे


सरका जो चिलमन आहिस्ता जलवों से 

उठा इश्क का तूफ़ान दिल में क्या समझे


सुर्ख आँखों से बहते चाहत के आबशार  

देखकर मुझे जमकर बरसे क्या समझे 


नशीली हाला सी लब की नर्मी तड़पाए

पीने को मचल जाए अरमाँ क्या समझे


तौबा साज़ ए हुश्न के झिलमिलाते नखरे 

छूते जिनको दिल नग्में छेड़े क्या समझे


हिना के रंग सा ख़ुमार लिए चौखट खड़ी 

ज़र्द से मन पर छाई हरियाली क्या समझे


इबादत में पलकों के भीतर रुख़सार तेरा

तू सचमुच का मुझे खुदा लगे क्या समझे


मेरे दिल ने तुझे चुना है हर चेहरा देखकर

मन को कोई ओर ना तो भाए क्या समझे


दूजा कहाँ दुनिया में मेरे कातिल जैसा

ज़मीं पर दूसरा ताज लगे तो क्या समझे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance