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Anita Koiri

Tragedy Classics Inspirational

4.0  

Anita Koiri

Tragedy Classics Inspirational

नियति तेरे हाथ में

नियति तेरे हाथ में

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न नीति न नियम

धर्म का फैलता चारों ओर वहम


क्या करेंगे नहीं जानते कहते हैं खाकर कसम

लाखों बह गए लाशें बनकर


चित्त सुख गया यह दृश्य देखकर

नेता ने छोड़ा है मुर्ख बना कर

लोगों को छोड़ा है मरघट लाकर


अपना देखो कोई नहीं

सब तो धोखेबाज हैं

कोई चाहे कुछ भी कह लें

नियति के हाथ में जीवन का राज है।


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