निशान उंगलियों के
निशान उंगलियों के
निशान उंगलियों के
दर्शाता विजय-पथ लोकतन्त्र का
चुनाव सम्पन्न हुए।
चुनाव के मौसम में
आकर सब व्यापारी मोटे-मोटे
रोटी सेंकते हैं जनता के बीच वो
पढ़ाकर पाठ ठग विद्या का
उंगलियों पर निशान दे जाते हैं।
मगर ये दाग़ अच्छे हैं
होते सबूत चौकीदारी का
साथ रहकर कुछ दिन
एहसास कराते हैं भागीदारी का..!
देश को कुछ परहेज़ भी
नहीं इन दाग़ों से
ये तो छींटे हैं उस शबनम की
फूल चुनते हैं जो हम
भीड़ के उन बागों से..!
