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Archana Saxena

Romance

4  

Archana Saxena

Romance

नीला है गगन

नीला है गगन

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नीला है गगन बहे मस्त पवन ऐसे में तेरा छुपकर आना

घायल मुझको कर देता है उसपर ये तेरा यूँ शरमाना


झूले भी पड़ गये बागों में

और झूलती हैं तेरी सखियाँ

ऐसे में तू ही न आये नजर

तुझे ढूँढ रही मेरी अँखियाँ

कहीं जान ही न ले डाले मेरी 

कहीं जान ही न ले डाले मेरी

इक झलक दिखा कर छुप जाना


न निकला करो तुम सज धज कर

कहीं बिजली कोई गिर जायेगी

ये जो कातिल अदायें हैं तेरी

मेरी जान पे ही बन आयेगी

समझाना तो चाहूँ इस दिल को

समझाना तो चाहूँ इस दिल को

मुश्किल है बहुत पर समझाना


ये जो उड़ता सिन्दूरी आँचल है

जैसे सूरज के संग बादल है

चेहरे पे सुबह की धूप खिली

मन मेरा दीवाना पागल है

जीने की वजह बस तुम ही हो

जीने की वजह बस तुम ही हो

तुम्हें आज पड़ेगा बतलाना


फिल्म - सरस्वती चन्द्र

गीत - चंदन सा बदन चंचल चितवन



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