नेटवर्क ही नहीं आ रहा है
नेटवर्क ही नहीं आ रहा है
दो घंटे से फ़ोन लगा रहे हैं,
बिजी बता रहा हैं,
बहुत परेशान हो रहे हैं,
रिंग ही नहीं जा रहा है,
मोबाइल स्विच-ऑफ, स्विच-ऑन
करके देख लिया,
कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा है,
क्या करें यार,
बड़ी मुशक्कत के बाद भी
नेटवर्क ही नहीं आ रहा है...!
गुस्से में आँखें लाल-लाल,
चेहरा पीला पड़ गया है,
चैन-सुकून सब छीन सा गया है,
मोबाइल को रख रहे हैं,
उठा रहे हैं,
मन ही मन घबरा रहे हैं,
कुछ समझ ही नहीं आ रहा है,
की क्या करें, फिर भी
उसका नंबर मिला-मि
ला के
हैरान हो जा रहे हैं,
बड़ी मुशक्कत के बाद भी
नेटवर्क ही नहीं आ रहा है...!
याद करके वो बीते पल,
उसकी बाहों में बिताये हुए कल,
अनलिमिटेड सारी रात,
उससे बात करना,
बेवजह लड़ना-झगड़ना कुछ भी
नहीं भुला पा रहे हैं,
उसकी आँखों की लाली,
होठों की सूखी मुस्कान,
बिन सवारे हुए जुल्फ़,
चेहरे पे ना कोई श्रृंगार देखकर,
हम सहमे-सहमे से जा रहे हैं,
मन ही मन घबरा रहे हैं,
मगर क्या करें,
बड़ी मुशक्कत के बाद भी
नेटवर्क ही नहीं आ रहा है...!