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Abdul Qadir

Drama

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Abdul Qadir

Drama

नात

नात

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वो क्यों है कैसे हैं ये क्या जहां जाने ?

 मेरे हबीब का रुतबा मेरा खुदा जाने।


 अर्श से फर्श पे आए हो शाहे गिल्मा।

 चूम के तलवा ओ बोले ना तलवा जाने।


 दर भी बोल रहा था बोल जंजीर रही थी।

 रहे ता अर्स आका ये वक्त कैसे जाने ?


 पहुंची के सिदरा पे बोले ओ सिदरा वाले।

 यहां से आगे का रास्ता आप आका जाने 


ये खुदा की है तजल्ली की जल जाए पर। 

उनके नालैन का चर्चा नूरी गिल्मा जानी।


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