नात
नात
वो क्यों है कैसे हैं ये क्या जहां जाने ?
मेरे हबीब का रुतबा मेरा खुदा जाने।
अर्श से फर्श पे आए हो शाहे गिल्मा।
चूम के तलवा ओ बोले ना तलवा जाने।
दर भी बोल रहा था बोल जंजीर रही थी।
रहे ता अर्स आका ये वक्त कैसे जाने ?
पहुंची के सिदरा पे बोले ओ सिदरा वाले।
यहां से आगे का रास्ता आप आका जाने
ये खुदा की है तजल्ली की जल जाए पर।
उनके नालैन का चर्चा नूरी गिल्मा जानी।