ऐसे अनाड़ी के दीवाने बहुत हैं
ऐसे अनाड़ी के दीवाने बहुत हैं
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सबके दिलों में आज वीराने बहुत हैं,
बहुत है दर्द और अफसाने बहुत हैं !
है नहीं जख्मों पे मरहम लगाने वाला कोई,
इस दहर में अब तो ऐसे अंजाने बहुत हैं !
जो नहीं कहतीं नहीं सुनतीं किसी की,
ऐसी स्त्रियों के लिए उलाहने ताने बहुत हैं !
जिनकी फितरत ही दगा देने की रही है,
उनके लिए तो अपने कम बेगाने बहुत हैं !
न जाने जो करना प्यार और मुनहार,
ऐसे अनाड़ी लोगों के भी दीवाने बहुत हैँ !