नारी की ...... छोटी सी आशा
नारी की ...... छोटी सी आशा
कहीं औरत को देवी बनाया जाता है,
कहीं औरत पर आत्याचार किया जाता है ,
नारीवाद की कथा कहने वाले ,
खुद नारी को अपमानित करते हैं,
नहीं बनना देवी नारी को ,
नहीं सहना अत्याचारी को ,
अबला से सबला है बनाना ,
कहना इतना ही नारी को ,
क्यों सहती है वो दर्द को ,
सिर्फ अपने परिवार के लिए ,
क्यों दबाती है वो अपनी ख्वाहिशों को ,
सिर्फ अपने प्यार के लिए ,
मान - सम्मान , प्यार परिवार ,
बस इतनी सी चाहत है उसकी ,
समझ जाओ बस उसको थोड़ा ,
क्या इतना भी नहीं कर सकती ये दुनियां सारी ।
