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Kusum Sankhala _"Kridha"

Tragedy

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Kusum Sankhala _"Kridha"

Tragedy

नारी की ...... छोटी सी आशा

नारी की ...... छोटी सी आशा

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कहीं औरत को देवी बनाया जाता है,

कहीं औरत पर आत्याचार किया जाता है ,

नारीवाद की कथा कहने वाले ,

खुद नारी को अपमानित करते हैं, 


नहीं बनना देवी नारी को ,

नहीं सहना अत्याचारी को ,

अबला से सबला है बनाना ,

कहना इतना ही नारी को ,


क्यों सहती है वो दर्द को ,

सिर्फ अपने परिवार के लिए ,

क्यों दबाती है वो अपनी ख्वाहिशों को ,

सिर्फ अपने प्यार के लिए ,


मान - सम्मान , प्यार परिवार ,

बस इतनी सी चाहत है उसकी ,

समझ जाओ बस उसको थोड़ा ,

क्या इतना भी नहीं कर सकती ये दुनियां सारी ।



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