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Radha Shrotriya

Tragedy

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Radha Shrotriya

Tragedy

नारी होना सजा है कि दुआ

नारी होना सजा है कि दुआ

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पेड़ों की जड़ों में नमी रहती है

शाख पर खिलते हैं फूल फल

डालियाँ लदी फदी रहती हैं!

मेरी देह पर भी मेरा अधिकार नहीं रहता..!

क्यूँ ? मेरी कोख से जनी हुई औलाद को

उसके बाप के नाम से पहचान मिलती है!

मेरी आँखों में वीरानी का रेगिस्तान ठहर जाता है..!

उफ्फ..!!! 'नारी होना सजा है या कि दुआ'?

कोई पीर, फकीर, पैगंबर मेरा नसीब बदल सकता है क्या. ?

सदियों से जिन्हें अपने गर्भ में धारण कर

अपने लहू से सींच कर

9 महीने तक अपनी कोख में पनाह दी है जिन्हें मैनें!

अक्षत योनि की चाहत रखने वाले पुरुष,

क्षत विक्षत करते आये हैं मेरी योनि को क्यूँ?

अगर मैं अपने गर्भ में न रखूँ इन्हें तो.?

इन्हें जन्म देकर अपने स्तनों से अमृत पान करा

इन्हें जीवन दान देती आई हूँ मैं..!

मैं भारत की नारी हूँ..क्या कोई बता सकता है

देश समाज के विभिन्न क्षेत्रों में हुए विकास के बाद भी

इंसानी दिमाग का विकास क्यूँ नहीं हुआ..?

पुरुष के वजूद को अस्तित्व में लाने वाली नारी को आज भी

अपने अस्तित्व की लड़ाई क्यूँ लड़नी पड़ रही है.?


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