नारी एक मिसाल!
नारी एक मिसाल!
किसने कहा कि नारी अबला, मजबूर होती है,
दिमाग से पैदल, दिल की कमजोर होती है?
नारी अपनों की भावनाओं का ख्याल रखा करती है,
अपनों की खुशी में डूब, खुद को भूला करती है।
हिसाब गणित में कच्चा ना समझो उसे,
हर रिश्ते का जोड़ गुणा भाग किया करती है।
हर इंसान को तवज्जों दिया करती है,
रिश्तों को दिल से निभाया करती है।
हां, दिल से कच्ची कह सकते हैं,
कि दिल को दिमाग से ऊपर रखा करती है।
नारी मजबूर नहीं हुआ करती है,
बस अपनों के लिए थोड़े हाथ बांधे लिया करती है।
हृदय नारी का भावनाओं से भरा समंदर होता है,
नारी घर का मजबूत स्तंभ हुआ करती है।
नारी दो विषम गुणों का अनोखा सम्मिलन हुआ करती है,
वो मजबूर नहीं बस थोड़ी दिल की सुना करती है,
दिमाग से नहीं दिल से वो चला करती है।
अपनों के लिए या अपने आत्मसम्मान के लिए,
नारी मजबूती की मिसाल बना करती है।