मैरिट की विदाई
मैरिट की विदाई
कुछ चीजें अच्छी थी कक्षा में तो
कुछ के कारण सभी सुर्खियों में रहे
बोर्ड की परीक्षा थी आने वाली है अब
और हम अतिरिक्त कक्षा को जाते रहे।
विदाई होनी थी स्कूल सेे अब हमारी
साल का अंतिम दिन मनाया जाना था
तब कभी महसूस हुआ नहीं था मुझे ये
जब खुद ने भी किसी को विदा किया था।
ना जाने क्यों कुछ दिनों पहलेे से ही मुझे
अब बड़ी ही अजीब पीड़ा सी हो रही थी
सोचकर कि अब एक पड़ाव जिंदगी का
खत्म होने का एहसास थी देे रही मुझे
अब बैैठक में बैठ चुके थे सभी साथ में
शायद कुुछ को सुकून था अपने आप में
पर मेरा दिल बैठा जा रहा था पता नहीं
क्योंं वहां फिर मिलेगा ना लगाव बाद में।
भाषण और शुभकामनाएं शुरू कर दी थी
मैं गर्दन झुुकायेे दिल थामे बैठी खामोश थी
नाम लिया गया था मेरा कि मैं भी कुछ बोलूं
और मैंने कुछ ही क्षण में हर आंख नम कर दी।
