STORYMIRROR

डिंपल कुमारी

Tragedy Crime Inspirational

4  

डिंपल कुमारी

Tragedy Crime Inspirational

वजूद

वजूद

1 min
419

ना घर चाहिए, ना संसार चाहिए

मुझको तो मेरा वजूद चाहिए


ना हक चाहिए, ना अधिकार चाहिए

मुझको तो मेरा वजूद चाहिए


ना प्यार चाहिए, ना नफरत चाहिए

मुझको तो मेरा वजूद चाहिए


मिले तो हार ही सही, जीत का संघर्ष चाहिए

नाम नही, गुमनाम ही सही


बस मुझको तो मेरा वजूद चाहिए

मुझको मेरा वजूद चाहिए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy