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Dilip Sain

Crime

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Dilip Sain

Crime

मैं भारत का नागरिक हूँ

मैं भारत का नागरिक हूँ

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मैं भारत का नागरिक हूं,

मुझे लड्डु दोनो हाथ चाहिये


मैं बिजली बचाऊंगा नहीं,

बिल मुझे माफ़ चाहिये।


मैं भारत का नागरिक हूं,

मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये


पेड़ मैं लगाऊँगा नहीं,

लेकिन मौसम मुझे बिल्कुल साफ चाहिये।


मैं भारत का नागरिक हूं,

मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये


शिकायत मैं करूँगा नहीं

कार्यवाही मुझे तुरंत चाहिये,

बिना लिये मैं कोई काम करूँगा नहीं

पर भ्रष्टाचार का अन्त चाहिये,


मैं भारत का नागरिक हूं,

मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये


घर के बहार कूड़ा मैं फेंकूँ, शहर मुझे साफ चाहिये,

काम करूँ ना ढेले भर का, वेतन लल्लन्टाप चाहिये।


मैं भारत का नागरिक हूं,

मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये


एक नेता कुछ बोल गया, सो मुफ्त में 15 लाख चाहिये,

लाचरो वाले लाभ उठाये, फिर भी ऊँची साख चाहिये।


मैं भारत का नागरिक हूं,

मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये 


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