STORYMIRROR

Dilip Sain

Horror Action

4  

Dilip Sain

Horror Action

मैं परछाईं हूँ तेरी

मैं परछाईं हूँ तेरी

1 min
301

मैं परछाईं हूँ तेरी 

उजाले में तेरा साथ निभाऊंगी

गया अगर अंधेरे में तो 

छोड़ कर तुझे चली जाउंगी 


खुशी हो या हो गम 

हर वक्त तेरा साथ निभाऊंगी 

 मैं परछाईं हूँ तेरी 

उजाले में तेरा साथ निभाऊंगी


वक्त के साथ साथ कभी छोटी

 तो कभी बडी हो जाऊँगी 

गया अगर अंधेरे में तो 

छोड़ कर तुझे चली जाउंगी 


यही रिवाज है इस संसार का 


जब तक हैं कुछ तेरे पास 

तब तक पराये भी तेरे अपने हैं 

नहीं है कुछ अगर तेरे पास 

तो तेरे अपने भी तेरे पराये हैं


 जब होगा तु अकेला इस भीड़ में 

तो भी मैं तेरे साथ नज़र आऊंगी 

हाँ मैं परछाईं हूँ तेरी 

उजाले में तेरा साथ निभाऊंगी


लेकिन याद रखना....

गया अगर अंधेरे में तो 

छोड़ कर तुझे चली जाऊँगी। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Horror