मैं परछाईं हूँ तेरी
मैं परछाईं हूँ तेरी
मैं परछाईं हूँ तेरी,
उजाले में तेरा साथ निभाऊंगी,
गया अगर अंधेरे में तो,
छोड़ कर तुझे चली जाऊंगी।
खुशी हो या हो गम,
हर वक्त तेरा साथ निभाऊंगी,
मैं परछाईं हूँ तेरी,
उजाले में तेरा साथ निभाऊंगी।
वक्त के साथ- साथ कभी छोटी,
तो कभी बड़ी हो जाऊँगी,
गया अगर अंधेरे में तो,
छोड़ कर तुझे चली जाऊंगी l
यही रिवाज है इस एस संसार,
जब तक हैं कुछ तेरे पास,
तब तक पराये भी तेरे अपने हैं,
नहीं है कुछ अगर तेरे पास ,
तुम्हारे अपने भी तुम्हारे पराये हैं।
जब होगा तू अकेला इस भीड़ में,
तो भी मैं तेरे साथ नज़र आऊंगी,
हाँ मैं परछाईं हूँ !तेरी
उजाले में तेरा साथ निभाऊंगी।
लेकिन याद रखना....
गया अगर अंधेरे में तो,
छोड़ कर तुझे चली जाऊंगी।
