मेरा भयानक सपना।
मेरा भयानक सपना।
सर्दी भी और धुंध भी बहुत ही ज्यादा थी,
मैं रात को अकेले ही कही चला जा रहा था।
धुंध के कारण कुछ भी नजर नहीं आ रहा था,
चारों तरफ घनघोर अंधेरा और वीराना ही था।
मैं धुंध के कारण रास्ता भूलकर शमशान पहुंचा,
तभी एक कब्र के खुलने की आवाज सुनाई दी।
एक लड़की सफेद वस्त्र धारण किए बाहर आई,
वो अब मेरी तरफ ही देखते हुए पास आ रही थी।
लेकिन वो बहुत ही सुन्दर थी और बाल बिखरे हुए,
उसने अपनी नजरें मिलाकर मुझे सम्मोहित कर दिया।
अब मैं उसके पीछे-पीछे चलने लगा और वो रूक गई,
उसने एक खंजर दिया और मेरा गला काटने को कहा।
मैंने जैसे ही खंजर अपने गला काटने के लिए मारा,
मेरी नींद खुल गई और ये एक भयानक सपना ही था।

