पुलवामा का काला अध्याय
पुलवामा का काला अध्याय
मक्कारी फरेब धोखे से
लड़ता दुश्मन।
जाने क्या क्या फितरत
करता दुश्मन।।
चालाक लोमड़ी हारता
पिटता बाज़ नहीं आता।
युवा ओज जोश को भटकाता।
अल्लाह, खुदा, कुरान
आयत ,सुरा से अंजान
अल्लाह कि दुहाई देता।।
भारत के टुकड़े कर डाले
जिन्ना के जिन नीति नियत का
बेईमान मुल्क पाकिस्तान।।
भारत नेक पड़ोसी बड़े भाई जैसी रीति नीति
नियत पाकिस्तान को नहीं रास।।
बंटवारे का जख्म अभी
भरा नहीं।
लुटा, पिटा ,बंटा इकहत्तर का
हारा कारगिल के षड्यंत्रों की खातिर गया मारा।।
मक़्क़री धोखे फरेब का
युद्ध लड़ता पुलवामा दुश्मन की
शातिर चाल सीधे युद्ध मे लड़ने की
नही हिम्मत ताकत।।
खुद आर्थिक गुलाम
एक सुई तक नहीं कर सकता
निर्माण।
भारत को आँख दिखाता
परमाणु युद्ध के सपने संजोता
पता नहीं खुद की औकात।।
वीर धैर्य धीर साहसी मातृ
भूमि पर मर मिटने वाले
हिन्द के जवान।।
पुलवामा हिन्द जज्बे जवान की
राष्ट्र भक्ति बलिदान की
ब्रह्मांड मिसाल।।
मां भारती के वीर सपूतों
का शौर्य शक्ति संयम संकल्प
पुलवामा मशाल।।
भारत वासी कैसे भूले
धोखे साजिश पुलवामा
एक चाल काल दिवस
काला अध्याय।।
शहीदों के गौरव भगत, राजगुरु, सुखदेव कि
परम्परा पराक्रम पुलवामा बलिदानी भारत के
वीर सपूतों रणबांकुरों शत शत प्रणाम।।