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Chandramohan Kisku

Tragedy

4  

Chandramohan Kisku

Tragedy

आदिवासी लड़की

आदिवासी लड़की

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हर साल ही 

आँखों में बड़ा सपना लेकर 

रंग - विरंगे सपने साथ लेकर 

इस देश के अनेक प्रांतों से 

लोग जा रहे है 

अमेरिका या तो ऑरेलिया  

कनाडा नहीं तो इंग्लॅण्ड .

अख़बारों में मोटे अक्षरों से 

जन की रंगीन पर्दों में 

हम देख रहे है 

हमारे देश के लोगों के साथ 

हो रहा अत्याचार 

चाकू मारकर हत्या करने की खबर ,

और उच्च शिक्षा पाने की उद्देश्य से गई

लड़कियों के साथ बलात्कार ,

एसिड अटैक की घटना .

तब पूरा देश अशांत हो जाता है 

रंगभेद ,जातिभेद विषय पर 

बड़ी- बड़ी भाषण होती है 

पुरे देश में इसके लिए 

दुःख और चिंता प्रकट होता है .


पिछले साल ही हमारे गाँव से 

बड़ा सपना लेकर तो नहीं 

उच्च शिक्षा के लिए भी नहीं 

केवल दो बिलान पेट भरने के लिए 

सुकुलमुनी गई थी दिल्ली 

भारत की राजधानी 

ऊँची- ऊँची घरों में रहनेवालों के 

जूठे वर्तन साफ करने .

एक दिन गाँव में खबर पहुंचा 

उसे मार दिया गया है 

उसकी मृतदेह पर 

तेज़ छुरी से घाव का निशान था 

आँखें दोनों निकाल ली गई थी 

पेट पर भी सिलाई का निशान था .


टेलीविजन पर यह 

प्रसारण नहीं हुआ 

अख़बारों पर भी यह 

लिखा नहीं गया 

जंगल इलाके की इस काली लड़की के लिए 

लोग सड़कों पर नहीं उतरे 

विद्वानों के सभाओं में भी 

इस विषय पर कोई चर्चा 

नहीं हुई.


जंगल इलाके की अनेक लड़की 

पेट की आग बुझाने 

जा रहे है 

देश के बड़े - बड़े नगरों को 

लौट रहे है वे 

सुकुलमुनी की तरह 

कोई शव बनकर तो 

कोई जिन्दा लाश बनकर ही ;

लोगों को इन सबके लिए कोई 

अफ़सोस ही नहीं ,

शायद ये जंगल इलाके की 

आदिवासी लड़की है .

और नहीं तो क्या ?



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